
NBT रिपाट सड़क मंत्रालय
FASTag का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने, पार्किंग और इंश्योरेंस के लिए करने के तरीके तलाश रहा है। मंत्रालय का मकसद है कि यह इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम सिर्फ हाईवे टोल तक सीमित न रहे। बल्कि इसका इस्तेमाल और भी चीजों के लिए हो। इससे लोगों को ज्यादा सुविधा मिलेगी और तकनीक की मदद से बेहतर गवर्नेस को बढ़ावा मिलेगा।
नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के तहत काम करने वाली इंडियन हाईवेज एंड मैनेजमेंट कंपनी (IHMCL) ने बुधवार को फिनटेक कंपनियों के साथ एक वर्कशॉप रखी। इसका मकसद FASTag सिस्टम के लिए नए-नए और इनोवेटिव तरीके खोजना था। मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि इस वर्कशॉप का मकसद बड़ी फिनटेक कंपनियों से अलग-अलग चीजों पर राय और जानकारी लेना था। जैसे कि नियमों का पालन कैसे हो, लोगों की शिकायतों का निपटारा कैसे हो, सुरक्षा कैसी हो और FASTag का इस्तेमाल टोल के अलावा
किन किन चीजों के लिए हो सकता है। मंत्रालय का वह है कि इससे FASTag का का इस्तेमाल इस्तेमाल बढ़ेगा बडिगा और और इसे इसे आगे बढ़ने में
मंत्रालय ने यह भी बताण कि बर्कशॉप का एक और मकसद फिनटेक कंपनियों को मल्टीलेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिम के बारे में बताना और जागरूक करना था। ताकि टोल इंफ्रास्ट्रक्चर में टेक्नोलॉजी की मदद से जो बदलाव हो रहे हैं, उनमें उनकी पूरी भागीदारी हो सके।
नैशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) FASTag प्रोग्राम देश भर के 1,728 टोल प्लाजा पर काम कर रहा है। इनमें 1.113 नैशनल हाईवे और 615 स्टेट हाईवे के टोल प्लाजा शामिल हैं। देश में होने वाले टोल पेमेंट का करीब 98.5% इसी FASTag से होता है।