नगर निगम एरिया में किए गए सर्वे में खामियों के कारण लोगों को प्रॉपर्टी आईडी बनवाने में परेशानी आ रही है। इस वजह से लोग टैक्स नहीं भर पा रहे है। निगम ब्याज लगाकर लोगों को बिल भेज रहा है।
मोटा टैक्स जमा न होने पर निगम का जोर अब सीलिंग पर है। ऐसे में लोग निगम अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है। यह भी आरोप है कि आईडी बनवाने के नाम पर कर्मचारी पैसों की मांग करते हैं। निगम के समाधान शिविर में भी पैसे मांगने की शिकायत आई थी। याशी कंपनी ने किया था सर्वे निगम एरिया में याशी कंपनी की ओर से प्रॉफ्टों टैक्स को लेकर सर्वे किया गया था। हरियाणा में प्रॉपर्टी आईडी बनाने वाली जयपुर की इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। करीब 7 लाख 30 हजार प्रॉपर्टी आईडी तैयार की गई, जिनमें से करीब ढाई लाख ही वेरिफाई हो पाई है।
