नेशनल और स्टेट हाइवे के टोल नाके वाहनों की नंबर प्लेट पढ़कर उसकी हिस्ट्री खंगाल रहे हैं। वाहन का बीमा और फिटनेस है या नहीं ये चेक करने के साथ ही कैमरे ये भी देख रहे हैं कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन तो खत्म नहीं हो गया है? पीयूसी यानी प्रदूषण सर्टिफिकेट की जानकारी भी नंबर प्लेट के आधार पर कैमरा निकाल रहा है।
वाहन में जिस दस्तावेज की कमी है उनका चालान भी गाड़ी मालिक के मोबाइल पर भेजा जा रहा है। पिछले डेढ़ साल के दौरान कैमरे के माध्यम से 6 करोड़ से ज्यादा का ई वाहन नियम तोड़ने वालों के घर भेजा जा चुका है। हालांकि ज्यादातर वाहन चालकों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि टोल नाके से गुजरते समय नाके का कैमरा उनके वाहन की हर खामी को पढ़ रहा है।सरकार ने करीब 3 साल पहले टोल प्लाजा पर लागू ई-डिटेक्शन सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी। करीब डेढ़ साल पहले नेशनल हाईवे के टोल नाकों पर कैमरा लगाकर उसे आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की साइट से जोड़ा गया है।
