नई दिल्ला. डॉक्टरा पचा से या मनमर्जी से, एंटीबायोटिक दवाओं का सहारा पहले असर दिखाता है, फिर धीरे-धीरे शरीर दवा की ‘पहचानना’ सीख जाता है। नतीजा यह कि बीमारी बनी रहती है, दवा बेअसर हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की नई रिपोर्ट बताती है कि यह प्रवृत्ति अब दुनिया के लिए गंभीर चेतावनी बन चुकी है। ‘ग्लोवल एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस सर्विलांस रिपोर्ट-2025′ में 104 देशों के 2.3 करोड़ मामलों के विश्लेषण से पता चला कि अब हर 6 में से एक संक्रमण
