फरीदाबाद बिना सबडिवीजन कराए टुकड़ों में बेची गई प्रापटों की आइडी बनाने को लेकर निगम की ओर से रोक लगा दी गई है। किसी भी सवन मात्रिक की पहले प्लानिंग ब्रांच से सबडिवीजन कराकर एनओसी लेनी होगी। इसके बाद ही वह अपनी प्राक्टी को टुकड़ों में बेच सकता है और इसके बाद ही उसको प्रापटी अब्रडी तैयार होगी। निगमायुक्त को और से बुधवार को बिना सबडिवीजन के प्लाटों की आइडी चनाने को लेकर रोक के आदेश जारी किए गए। जिले में साढ़े सात लाख प्रापटी आइडी है जिसमें से एक लाख आइडी ही सत्यापित ही माई हैं। पिछले छह साल में केवल 20 प्रतिशत आइड ही निगम सत्यापित कर पाया है।
सबडिवीजन नहीं होने पर सरकोर को लगता है राजस्व का चूना जिस जमीन को दो या तीन टुकड़ों में बेचकर रजिस्ट्री करवाई जाती है। उसका पहले निगम के प्लानिंग ब्रांच से सबंडिवीजन करवाना पड़ता है। इसलिए सरकार को भी फीस चुकानी पड़ती है। वहीं निगम की और से सबडिवीजन करने के लिए लक्ष्सेस जारी किया जाता है, लेकिन प्रापर्टी आइडी बनाने के दौरान ऐसे मामले सामने आए जिनका प्लानिंग ब्रांच से सबडिवीजन नहीं करवाया गया था। कई बिल्डर फीस चुकाने से बचने के लिए सबडिवीजन नहीं करवाते है।
