फरीदाबाद राजनेताओं के संरक्षण में रहकर ड्यूटी करने वाली ‘खाकी’ यदि अहंकार में अपने पद की गरिमा भूलकर जनप्रतिनिधियों से बदसलूकी और कानून से खिलवाड़ करने लगे तो क्षेत्र की जनता किससे न्याय की उम्मीद करेगी। कुछ ऐसा ही मामला धौज थाने के प्रभारी रहे नरेश कुमार का आया है।
एक कारोबारी से 15 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में लाइन हाजिर किए गए इंस्पेक्टर नरेश कुमार के खिलाफ करीब 10 गांवों के सरपंचों ने दो महीने पुलिस कमिश्नर कार्याल करतूतों का काल SATINDER कर कार्रव लेकिन कोई की मांग की थी कोई एक्शन नहीं लिया गया। आरोपी इंस्पेक्टर गुड़गांव के दो बड़े सत्ताधारी नेताओं से खास संबंध होने का हवाला देकर थाने आने वाले सरपंचों को धमकाता था। धमकी भरे अंदाज में कहता था, ‘यहां का थानेदार भी मैं और मैजिस्ट्रेट भी, जैसा चाहूंगा वैसा ही होगा’। पुलिस कमिश्नर कार्यालय में सरपंचों द्वारा दी गई शिकायत पत्र की कापी एनबीटी के हाथ के लगी है। इस पत्र में दस सरपंचों ने अपनी मुहर और हस्ताक्षर समेत शिकायत पत्र पुलिस कमिश्नर के नाम दिया था।
