
हत्या से पहले शराब पी और फिर बारदात को अंजाम दियाः प्लान के बहत 15 अगस्त की रात जितेंद्र ने गराब पार्टी की। जिसमें हंसराज और इसकी पत्नी लक्ष्मी भी शामिल थी। स बीच हंसराज ने लक्ष्मी को नमकाना शुरू कर दिया। रात करीब ० बजे बाद जब हंसराज को काफी बाहुआ तो जितेंद्र उसकी छाती पर
बैठ गया और एक तकिये से उसका गला दबा दिया। पत्नी लक्ष्मी उसके पैरों को पकड़ कर बैठी रही, जिससे वह किसी भी तरह बचाव न कर सके। हत्या के बाद सब को कुमरे में छुपा दिया। 16 अगस्त की रात की लक्ष्मी व जितेंद्र ने मिलकर हंसराज के शव को नीले ड्रम में छिपा दिया