फरीदाबाद। जिला अदालत में कार्यरत कोर्ट अहलमद होमगार्ड जवान के साथ मिलकर ट्रेफिक चालान फर्जीवाड़ा कर रहा था। मामले से आरोपी अहलमद विरेंद्र को जिला अदालत से अग्रिम जमानत नहीं मिली।
अहलमद के वकील की ओर से याचिका दायर कर दलील दी गई कि उसे केस में गलत फंसाया गया है। अहलमद के तौर पर इन्हें टेफिक चालान शाखा से चालान की हार्ड कॉपी मिलती थी। ये चालान की हार्ड कॉपी व ऑनलाइन कॉपी के मिलान के लिए जिम्मेदार नहीं था।
वहीं अभियोजन पक्ष ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि अहलमद विरेंद्र सह-आरोपी होमगार्ड शुभम के साथ मिलीभगत करके ट्रैफिक उल्लंघन के अपराधों की कम डिग्री का उल्लेख करके ऑनलाइन पोर्टल से प्राप्त ट्रैफिक चालानों में हेराफेरी करता था। होमगार्ड शुभम ने अलग-अलग तारीख पर यूपीआई के जरिये विरेंद्र, के खाते में 44 हजार रुपये भेजे हैं। दोनों पक्षों को सुनकर अदालत ने विरेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
मामले में सेंटल थाने में 13 सितंबर 2025 को एफआईआर दर्ज हुई थी।
