
ढाई साल बाद आए स्टेट रजिस्ट्रार के फैसले से असमंजस
रोहतक, 26 अप्रैल
सतिन्दरदु गौड़ ब्राहमणे शिक्षण संस्था के आजीवन सदस्यों की अहम बैठक शनिवार को पूर्व प्रधान आजाद सिंह अत्री व पूर्व प्रधान महासचिव एडवोकेट कृष्ण कौशिक की अध्यक्षता में हुई। इसमें संस्थान के वोटर लिस्ट मामले को लेकर लगभग ढाई साल बाद आए स्टेट रजिस्ट्रार के फैसले को लेकर विचार विमर्श किया गया। साथ ही बैठक से सर्वसम्मति से कई प्रस्ताव भी पारित किए गए। एडवोकेट कृष्ण कौशिक ने बताया कि स्टेट रजिस्ट्रार द्वारा जो फैसला दिया गया है, उसमें काफी भ्रांतियां है, जिसे लेकर संस्था के आजीवन सदस्यों में असमंजस की स्थिति है। संस्था के जनवरी 2014 के बाद चुनाव नहीं हुए है। मतदाता सूची को लेकर स्टेट रजिस्ट्रार द्वारा कुछ शतों के साथ फैसले को डिस्ट्रिक रजिस्ट्रार रोहतक को रिमांड बैंक किया गया है। इसमें नकद राशि से बनाए गए आजीवन सदस्य व दूसरे के खाते से भेजी गई राशि के माध्यम से बनाए गए सदस्यों को अपने खाते से स्वयं का चैक व डीडी द्वारा देने पर सदस्यता बहाल रखने का फैसला सुनाया गया है। इसकी अवधि डिस्ट्रिक रजिस्ट्रार रोहतक द्वारा पब्लिकेशन के 15 दिन की रखी गई है। पूर्व महासचिव कृष्ण कौशिक ने बताया कि संस्था के लगभग 95 प्रतिशत आजीवन सदस्य स्वंय के खाते के चैक से या स्वयं के डीडी से बनें हैं। उन्होंने बताया कि 28-03-2012 से लेकर 15-04-2013 तक 42 हजार 974 नए आजीवन सदस्य बनाए गए थे, जबकि इससे पूर्व 33 हजार 107 आजीवन सदस्य थे। इसके बाद कुल आजीवन सदस्यों की संख्या 76,081 हो गई, जिस पर बार बार आजीवन सदस्यों को डिस्ट्रिक रजिस्ट्रार रोहतक व विभिन्न प्रशासकों के सामने अपना पक्ष रखने का मौका मिला था। पूर्व प्रशासक एवं तत्कालीन उपायुक्त रोहतक आरएस वर्मा ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए 76081 आजीवन सदस्यों पर, संस्था के चुनाव कराने का फैसला लिया था। इसके बाद तत्कालीन उपायुक्त के तबादले के कारण संस्था के चुनाव नहीं हो पाए थे। बैठक में सर्वसम्मति से सभी आजीवन सदस्यों की सदस्यता बहाल रखने व संस्था के शीघ्र चुनाव करवाने की मांग की। साथ ही मृत आजीवन सदस्यों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने का भी प्रस्ताव पास किया गया। बैठक में हर्ष वशिष्ट, हरीश मुदगिल, श्री भगवान वशिष्ठ, जितेन्द्र कंसाला, रामानंद सरपंच, मामन भारद्वाज, रमेश भैसरू सहित काफी संख्या में आजीवन सदस्य मौजूद रहे।