फरीदाबाद। दीवाली के इस सीजन में एक खाकी वाला आलाधिकारी खासी चर्चाओं में है, असल में इस दीवाली जहां अधिकतर अधिकारियों ने खुले मन से हर किसी से दीवाली पर तोहफे लिए, वहीं चर्चा है कि इस आलाखाकीधिकारी ने अपने.
सहायक को दिवाली पर इस बात के लिए तैनात कर दिया कि जो कोई भी उनको दिवाली देने आए, उसको सम्मान बैठाया जाए, उनको चाय पिलाई जाए, मिठाई खिलाई जाए और जो भी वह मिठाई, गिफ्ट इत्यादी लेकर आए हैं उनको ही ससम्मान वापस कर दी जाए? आज के जमाने में फरीदाबाद जैसे जिले में खाकी विभाग के सर्वोच्च पद पर रहकर इस तरह की सोच सबको आश्चर्य में डाल रही है?
सभी कर्मचारियों व अधिकारियों में खासी चर्चाओं में हैं कि यह सब काम भी संयुक्त आयुक्त करेंगे तो फिर निगमायुक्त क्या करेंगें? यही नहीं इस निगम में अनेक ऐसे पद हैं जो कि प्रोटोकाल में संयुक्त आयुक्त से बढे माने जाते हैं, यदि इसी तर्ज पर संयुक्त आयुक्त उन विभागों के कर्मचारियों को भी निलम्बित करने लगे तो निगमायुक्त व्यवस्था कैसे बना पाएंगें यह देखने की बात होगी?
बढ रहा है संयुक्त आयुक्तों का महत्व ?
इन दिनों निगम के संयुक्त आयुक्त खासी चर्चाओं में है, एकाधिक बार निगमायुक्त उनको उनके कामों के लिए लिखित आदेश देकर रोक चुके हैं, गत दिवस जिला उपायुक्त ने भी उनको लाडो लक्ष्मी योजना को लेकर गंभीर न होने पर जमकर लताड पिलाई थी, लेकिन इन सबके बाद लगता है कि निगम में कार्यरत संयुक्त आयुक्त अपने महत्व को बढाने का कोई प्रयास नहीं छोड़ना चाहते, यही कारण माना जाता है कि कान संयुक्त आयुक्त जिन्होंने पहले बिना टेंडर लिए अवैध रुप से कूडा एकत्रित करने का काम करन वाले लोगों की पर्ची को ही सफाई होने का आधार मानने के निर्देश जारी के काम से जुडे कर्मचारी के निलम्बन आदेश जारी कर दिए |
