
राज्य ब्यूरो, जागरण चंडीगढ़:
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी आरोपित की रिहाई के लिए जमानत या सर्जा स्थगन के आदेश की डाउनलोड की गई प्रति भी पर्याप्त होगी। कोर्ट ने कहा कि जब रजिस्ट्री से आदेश को प्रमाणित प्रति तुरंत नहीं भेजी जाती, तब कोर्ट के सामने बेल बांड दाखिल करते समय डाउनलोड कापी स्वीकार की जानी चाहिए। जस्टिस अनूप चितकारा और जस्टिस मनदीप पन्नू को खंडपीठ ने कहा न्यायिक हिरासत में बंद हर व्यक्ति जिसे बेल दी गई है या जिसकी सजा स्थगित हुई है, उसे बिना देरी रिहा किया जाना चाहिए। ऐसे में यदि आदेश की प्रमाणित प्रति रजिस्ट्रो, कंप्यूटर सिस्टम या लोक अभियोजक द्वारा तुरंत नहीं भेजी जाती, तो कोर्ट की