फरीदाबाद हरियाणा सरकार की नई पॉलिसी के अनुसार ऑनलाइन पेपरलेस संपत्ति के पंजीकरण की सुविधा जो 1 नवंबर से पूरे प्रदेश में लागू की गई थी उसके सर्वर पोर्टल सॉफ्टवेयर एवं यूएलबी की साइट सभी स्तर पर कुछ न कुछ प्रॉब्लम सभी अर्जीनवीसों एवं संपत्ति धारकों को आवेदन करने के दौरान आ रही है। फीवा के प्रदेश महासचिव गुरमीत सिंह देओल ने बताया कि हरियाणा सरकार के राजस्व विभाग ने पंजीकरण करवाने से पूर्व संपत्ति के दस्तावेज अपलोड करने के लिए 503 की शुल्क राशि निर्धारित की है और टोकन के लिए 1000 की राशि ली जा रही है।
कम्प्यूटर पर फीडिंग के नाम से 1300 शुल्क राशि ली जा रही है। जो एकाएक सभी संपत्ति धारकों और प्रदेश की जनता पर जानबूझकर डाला गया अतिरिक्त बोझ है। दस्तावेज फीड़ करने का शुल्क विभाग द्वारा जिन दस्तावेजों को किसी खामियों के कारण रिवर्ट करना होता है उसे भी जाने अनजाने बार बार रिजेक्ट करने से इस शुल्क को हर बार दोबारा देना पड़ेगा। जो सरासर गलत है। अधिकारियों को इस नए पोर्टल सॉफ्टवेयर की पूरी जानकारी नहीं है और न ही वह जनता के बीच में उनकी समस्याओं को सुनने के लिए उपलब्ध हैं। सरकार को नई और पुरानी व्यवस्था समानांतर रूप से लगभग तीन से चार महीने ट्रायल के रूप में चलाया जाना चाहिए था।
