
रिश्तों पर भारी पड़ रही स्क्रीन… मजेदार तरीके से फोन रखने का आग्रह करें, पलों की अहमियत बताएं तो दोष मढ़े बिना दोबारा बातचीत से जोड़ सकेंगे
न्यूयॉर्क। ‘आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि किया जरूरी मुद्दे पर बात करनी हो और सामने बाधा व्यक्ति मोबाइल में ही व्यस्त हो। आपको लगातार नजरअंदाज करता रहे…। सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर जीन ट्वेंग कहती हैं, इस व्यवहार को फबिंग कहते हैं। हर कोई इससे चिढ़ता है पर कभी न कभी खुद भी ऐसा करता है। ऐसा लगता है मोबाइल व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया। जीन कहती हैं, फबिंग मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों की संतुष्टि को प्रभावित करता है। इस पर बात करना मुश्किल व असहज हो सकता है, पर रिश्तों की बेहतरी और काम में उत्पादकता के लिए यह जरूरी है। इस स्थिति में बातचीत के लिए कौन से तरीके कारगर हैं, बता रहे हैं एक्सपर्ट…चलिए, फोन को थोड़ा आराम देंः जीन बताती हैं कि उनके ग्रुप की महिलाओं ने मोबाइल को दूर करने के लिए अनूठा तरीका अपनाया। ग्रुप की सदस्य जब भी रेस्त्रां या पार्टी के लिए जाती थीं, तो अपने फोन टेबल के बीच में रख देती थीं। जो पहले फोन उठाता, उसे बिल भरना पड़ता। एक तरीका और है, आप सीधे कह सकते हैं, चलो फोन बैग में रख देते हैं।’ इससे पता चलता है कि आप बातचीत को प्राथमिकता देना चाहते हैं।
सब ठीक है क्याः यह सवाल संभावना देता है कि शायद इमरजेंसी हो। अगर नहीं है, तो इशारा है कि फोन रखना बेहतर होगा। तरीका थोड़ा टकराव वाला है, पर सामने वाले को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या वाकई में फोन जरूरी है।