शहरों में टीनएजर्स की निगरानी का चलन तेजी से बड़ रहा है। अब माता-पिता अपने बच्चों की गतिविधियों, दोस्तों, और रोजमर्रा के व्यवहार को जानने के लिए निजी जासूसी एजेंसी की मदद ले रहे हैं। माता-पिता अब बच्चों की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर बारीक नजर रख रहे हैं।
ड्रग्स, नई संगत, रिलेशनशिप या अजीब व्यवहार हर शक की अब गहन तहकीकात हो रही है। एक जासूसी एजेंसियों के विकास सोनकर के अनुसार पति तीन चार साल में ऐसे मामलों में कई गुो बढ़ोतरी हुई है। हर महीने औसतन जैन से चार जांच आती है, जबकि पूछताछ की संख्या इससे कहीं अधिक है। पेरेंट्स का सबसे बड़ा डर यही होता है कि उनका बच्चा नशे में न पड़ जाए या किसी गलत रिश्ते में न फंस जाए। कई बार उन्हें लगता है कि बच्चा घर से 50-100 किलोमीटर दूर कार लेकर जाता है, लेकिन मताला नहीं कहा।
