
पीपल फॉर एनिमल से जुड़ी वृंदा ने बताया कि यह आदेश न केवल एबीसी नियमों और हाल के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ है, बल्कि यह व्यावहारिक रूप से असंभव भी है। दिल्ली में लगभग तीन लाख आवारा कुत्ते है। इन्हें बंद करने के लिए 3,000 पाउंड बनाने होंगे, जिनकी लागत प्रत्येक की 4-5 करोड रुपये होगी और साप्ताहिक खर्च 5 करोड़ रुपय
से अधिक आएगा। ऐसे शेल्टर मौजूद ही नहीं है, यानी असल में यह आदेश ‘किल
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