नई दिल्ली. पेटः सुप्रीम कोर्ट ने 80 वर्षीय एक व्यक्ति को राहत देते हुए हाई कोर्ट के फैसले को रद किया जिसमें ट्रिब्यूनल के आदेश को चुनौती दी गई थी। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि हाई कोर्ट ने संभवतः वरिष्ठ नागरिक को सुविधा प्रदान करने के फेर में 59 वर्षीय बेटे के पक्ष में फैसला सुनाया था, जो कि गलत है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम के तहत रखरखाव ट्रिब्यूनल को वरिष्ठ जागरिक की संपत्ति से बच्चे या रिश्तेदार को निष्कासित करने का आदेश देने का अधिकार है, यदि बुजुर्ग की देखभाल करने की जिम्मेदारी का उल्लंघन किया गया हो।
