फरीदाबाद। सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर मार्किट नंबर 1, में तुलसी विवाह धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मंदिर प्रांगण में पूजा अर्चना की गई और पूरे रीति रिवाज के साथ इस विवाह को सम्पन्न करवाया गया। इस कार्यक्रम में तुलसी माता के परिवार की तरफ से सचिन भाटिया व जान्हवी भाटिया ने कन्यादान किया व शालिग्राम भगवान की तरफ से रोहित ग्रोवर व् हिना ग्रोवर यजमान रहे। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर पुण्य के भागीदार बने। इस मौके पर मंदिर के प्रधान डा. राजेश भाटिया ने कहा कि तुलसी विवाह केवल एक पूजा नहीं, बल्कि एक गहरा आध्यात्मिक प्रसंग है। यह भक्त और भगवान के बीच प्रेम, भरोसे और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
इस कथा में वृंदा नाम की एक बहुत ही धर्मनिष्ठ और पतिव्रता स्त्री थीं, जिनकी भक्ति ने देवताओं तक को प्रभावित किया। भगवान विष्णु ने उनकी निष्ठा और प्रेम का सम्मान करते हुए तुलसी रूप में उनसे विवाह करने का वचन दिया। यही विवाह आज तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है, जो भक्ति, प्रेम और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। श्री भाटिया ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, देवी तुलसी पूर्व जन्म में वृंदा नाम की पतिव्रता स्त्री थीं, जिनका विवाह असुरराज जालंधर से हुआ था। वृंदा की पतिव्रता शक्ति से जालंधर इतना बलवान हो गया कि देवता भी उसे परास्त नहीं कर सके।
देवताओं के आग्रह पर भगवान विष्णु ने जालंधर का वध करने की योजना बनाई और उसका रूप धारण कर वृंदा के सामने प्रकट हुए। अपने पति का रूप देखकर वृंदा भ्रमित हो गईं, जिससे उनका तप भंग हो गया और जालंधर की शक्ति नष्ट हो गई और वह युद्ध में मारा गया।
