फरीदाबादः जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-21ए स्थित वरिष्ठ नागरिक क्लब और सेक्टर सात स्थित वरिष्ठ नागरिक फोरम में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किए। इन शिविरों में वरिष्ठ नागरिक एवं माता-पिता भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 के बारे में जानकारी दी गई।
सत्र न्यायाधीश सदीप गर्ग के मार्गदर्शन में आयोजित शिविर में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रितु यादव ने बताया कि यह कानून वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और देखभाल के लिए बनाया गया. है। माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक आवश्यकता पड़ने पर अपने बच्चों से भरण-पोषण मांग सकते हैं और कानून उन्हें पूरा अधिकार देता है कि वे अपनी शिकायतें आसानी से प्रस्तुत कर सकें। खासतौर पर धारा 23 के बारे में बताया। इस धारा के अनुसार यदि कोई वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति बच्चों के नाम इस उम्मीद से कर देता है कि वह उसकी देखभाल करेंगे और बाद में बच्चे जिम्मेदारी पुझे नहीं करते, तो ऐसी स्थिति में परिष्ठ नागरिक उस संपत्ति के हस्तातरण को रंद कराने का अधिकार रखते हैं। शिविरों का मुख्य उद्देश्य यह था कि वरिष्ठ नागरिक अपने अधिकारों के बारे में जानें, यह समझें कि कानून किस तरह उनकी मदद करता है, और जरूरत पड़ने पर वह कहां और कैसे सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
