
फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। शहर की हाउसिंग सोसाइटियों में पुलिस सत्यापन में देरी के कारण घरेलू सहायिकाएं नहीं मिलने की समस्या बढ़ गई है। सत्यापन में हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग रहा है, जबकि सोसाइटियों में बिना सत्यापन के किसी भी नई घरेलू सहायिका को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
ग्रेटर फरीदाबाद में छोटी-बड़ी 70 से अधिक सोसाइटियां है। इनमें करीब दो लाख परिवार निवास करते हैं। सैकड़ों फ्लैट्स वाले अपार्टमेंट्स में रहने वाले परिवारों, खासकर कामकाजी महिलाओं और बुजुर्गों के लिए घरेलू सहायिकाएं जीवन का अहम हिस्सा, होती हैं। इन सोसाइटियों में करीब 80 फीसदी लोग घरेलू सहायिकाओं पर निर्भर हैं। चोरी की घटनाएं बढ़ने के बाद पुलिस प्रशासन की तरफ स सोसाइटियों – व फ्लैट में घरेलू सहायिका या नौकर रखने के लिए उनका पुलिस सत्यापन कराता अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत सोसाइटी प्रबंधन या फ्लैट मालिक को संबंधित थाने में सहायिका के दस्तावेज देने होते हैं।