फरीदाबाद: छह साल पहले प्रॉपर्टी यूनिटों को डिजिटल पहचान देने के लिए किए गए सर्वे में हुई गलतियां लोग अभी तक भुगत रहे हैं। उस समय प्रदेश सरकार की ओर से दावा किया गया था कि आने वाले समय में लोगों को घर बैठे प्रॉपर्टी टैक्स भरने की सहूलियत मिलेगी, लेकिन प्रपिटर्टी आईडी की डिजिटल पहचान अब लोगों का सिरदर्द बन गई है और प्रॉपटी आईडी में आई खामियों को दुरुस्त कराने के लिए व नई आईडी बनवाने के लिए निगम के कर्मचारी रिश्वत लेकर अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं और जो लोग निगम के कर्मचारियों की जेब गर्म नहीं करते हैं, उनके सालों-साल से चक्कर ही लगवाये जा रहे हैं।
गौरतलब यह है कि 2019 में पासी एजेंसी की ओर से पूरे शहर में प्रॉपर्टी आईडी को लेकर सर्वे किया था। इस सर्वे में एजेंसी की ओर से अलग-अलग वर्ग के कुल प्रापर्टी यूनिटों की संख्या साढ़े सात लाख बताई गई थी। वहीं करीब एक साल तक सर्वे करने के बाद पूरी रिपोर्ट निगम को सौंप दी गई थी। ताकि निगम अपने पोर्टल पर पूरा रिकार्ड चढ़ा सके।
