
फरीदाबाद : NIT-2 सी ब्लॉक में रहने वाले कारोबारी कृष्ण अदलखा को दस वर्षीय पोती लोरिया 11 साल पहले ब्लड कैंसर से जिंदगी की जंग हार गई थीं। मां-चाप के साथ दुबई में रहने वाली लोरिया का इलाज दिल्ली मर गंगाराम अस्पताल में चल रहा था। बच्चों को रोजाना दो यूनिट ब्लड, प्लेटलेट्स और रेड सेल्स को जरूरत थी। आखिर एक दिन ऐसा आया जब उसे समय पर ब्लड नहीं मिल पाया। छह कीमोथेरेपी के बावजूद 26 जून 2014 को बच्ची ने दम तोड़ दिया। घटना ने दादा अदलखा को अंदर से तोड़कर रख दिया। छह महीने परेशान रहे। इसी दौरान दुई अदलखा का एक फोन आया। में रह रही उनकी पुत्रवधू रंजीत उन्होंने बताया कि मुंबई में लोरिया जैसी ही बीमारी से पीड़ित एक बच्चा गौरव ब्लड की कमी से जूझ रहा है। बहू ने कहा पापा उसकी मदद करिए।
उन्होंने संकल्प लिया कि किसी को ब्लड की कमों से जान न गंवानी पड़े अब पूरी कोशिश करूंगा। अदलखा अब पोती लोरिया के नाम से संस्था बनाकर अनेक प्रकार के सामाजिक करयों कर रहे है। अब तक 4 हशार जरूरतमंद की मदद इसके बाद अदलखा ने सोशल मीडिया पर 40 से अधिक ब्रॉडकास्ट ग्रुप बनाए और लोगों को जोड़ना शुरू किया। अब तक 17 हजार से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं। अब तक करीब 4 हजार जरूरतमंदों को समय पर ब्लड उपलब्ध कराया जा चुका है। आज भी वे हर महीने 25 से 30 लोगों को बनह उपलब्ध कराने में मदद करते हैं।