
एमएसएमई को मिलनी चाहिए निर्बाध बिजली
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: वर्ष 2021
से 2025 के बीच चीन ने अपने टेक्सटाइल एमएसएमई के डिजिटल कायाकल्प एवं उन्हें आधुनिक प्लेटफार्म सिस्टम उपलब्ध कराने के लिए अपने नेटवर्किंग इन्फ्रा को बढ़ाने के साथ स्मार्ट वर्कशाप तैयार करने का लक्ष्य रखा है। वहीं, भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) अभी निर्वाध व सस्ती बिजली की उपलब्धता और बिना गिरवी की लोन प्राप्ति की समस्या से जूझ रहे हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश के एमएसएमई को अब भी बिजली की निर्बाध आपूर्ति नहीं मिल रही है। बिजली की लगातार सप्लाई नहीं मिलने से माइक्रो यूनिट की क्षमता और उत्पादकता दोनों प्रभावित होती है और वे नवीनतम टेक्नोलाजी को भी नहीं अपना पा रही हैं।
अपनी रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्य एमएसएमई को सस्ती बिजली देने की योजनाएं तो चला रहे हैं, लेकिन इससे लगातार आपूर्ति की समस्या दूर नहीं होगी।