
कलम की आजादी सोच की आजादी का पहला कदम है। यही वह ताकत है जो सत्ता से सवाल पूछती है और आम नागरिक को सच का आईना दिखाती है। आज पढ़िए उन निर्भीक पत्रकारों के बारे में जिनकी स्याही ने हर दौर में सच को जुबान दी और जिन्होंने सच को उजागर करते हुए अपनी जान दे दी।