
सजावटी पौधे व फल-सब्जियों की पौध बेचने वाली नर्सरियों को लाइसेंस जरूरी
राज्य ब्यूरो, जागरण चंडीगढ़ : में सजावटी पौधे
हरियाफल सब्जियों का पाच बेचने वाली नर्सरियों को लाइसेंस लेना पड़ेगा। मसालों की पौध सहित बागवानी के लिए तैयार किए जाने वाले सभी पौधों की नर्सरी के लिए सरकार से मंजूरी लेनी जरूरी होगी। किसी ने बिना लाइसेंस के नर्सरी शुरू की या नियमों का उल्लंघन किया तो एक वर्ष तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।
- इतना ही नहीं, पौधों की गुणवत्ता खराब होने पर नर्सरी संचालक को बागवानी पौधे की खेती की लागत के बराबर या दोगुने और सजावटी नं पौधे के मामले में खरीद की लागत र का दोगुना मुआवजा देना पड़ेगा।
अधिनियम लागू हो गया है। विधि तथा विधायी विभाग की प्रशासकीय सचिव रितु गर्ग द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक एक बार लिया गया लाइसेंस पांच वर्ष के लिए वैध माना जाएगा। कोई कंपनी नियमों का उल्लंघन करती है तो उसके निदेशक, प्रबंधक और अन्य अधिकारी भी सजा भुगतेंगे। नर्सरी शुरू शुरू होने हो से पहले अधिकारी निरीक्षण करेगा। सब कुछ ठीक मिलने पर ही जैस दिया जाएगा। इसके लिए फीस तय होगी। साथ ही कोई दूसरी जगह उसी नाम से नर्सरी शुरू करना चाहता है तो उसके लिए भी फीस देकर मंजूरी लेनी होगी।